PSLV C54 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) ने शनिवार को पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (OceanSat) को सफलतापूर्वक ध्रुवीय कक्षा (Sun-synchronous orbit) में स्थापित कर दिया. इसके सफल प्रक्षेपण पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया- PSLV C54 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर @isro और NSIL को बधाई. EOS-06 उपग्रह हमारे समुद्री संसाधनों के अधिकतम उपयोग में मदद करेगा.
पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, भारतीय कंपनियों @PixxelSpace और @DhruvaSpace के 3 उपग्रहों के प्रक्षेपण ने एक नए युग की शुरुआत की है, जहां अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारतीय प्रतिभा को पूरी तरह से साकार किया जा सकता है. इस लॉन्च में शामिल सभी कंपनियों को बधाई.
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इसरो ने सफल प्रक्षेपण की दी जानकारी
इसरो ने बताया कि 44.4 मीटर लंबा रॉकेट 25.30 घंटे की उलटी गिनती के बाद सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पूर्वाह्न 11 बजकर 56 मिनट के पूर्व निर्धारित समय पर अपने अभियान पर रवाना हो गया. पीएसएलवी-सी54 के प्रक्षेपण के 17 मिनट बाद इसके इच्छित कक्षा में पहुंचने पर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह या ओशनसैट सफलतापूर्वक रॉकेट से अलग हो गया और उसे कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया.
इसरो ने एक ट्वीट में कहा, “पीएएसएसवी-सी54/ईओएस-06 मिशन : पृथ्वी अवलोकन उपग्रह (ईओएस)-06 के अलग होने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हुई. अंतरिक्ष यान समान्य रूप से काम कर रहा है और मिशन जारी है.”
वैज्ञानिक पीएसएलवी-सी54 के साथ गए अन्य उपग्रहों को एक अलग कक्षा में स्थापित करने के लिए रॉकेट को नीचे करेंगे और इस कवायद में दो घंटे का समय लगने की उम्मीद है.
इसरो के अध्यक्ष ने कहा-हमने सफलतापूर्वक लक्ष्य हासिल किया
मिशन नियंत्रण केंद्र में अपने संबोधन में इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि ईओएस-06 को अभीष्ट कक्षा में सटीक रूप से स्थापित करने की उपलब्धि सफलतापूर्वक हासिल कर ली गई है.”
उन्होंने कहा, “हमने यह भी देखा कि इस मिशन में सभी चरणों और कार्यों में रॉकेट का प्रदर्शन बहुत अच्छा था. अपनी लंबी यात्रा की श्रृंखला में एक और सफल मिशन के लिए पीएसएलवी की पूरी टीम को बधाई.”
मिशन के निदेशक ने कहा-अभी मिशन पूरा नहीं हुआ है
इस पूरे मिशन के निदेशक एस आर बीजू ने कहा, “मिशन अभी पूरा नहीं हुआ है और हम शेष आठ उपग्रहों के साथ ऊपरी चरण की कक्षा में बदलाव की प्रतीक्षा कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि ईओएस-6 उपग्रह को ‘यथासंभव सटीक’ कक्षा में स्थापित कर दिया गया है.
बता दें कि ईओएस-6 ओशनसैट श्रृंखला में तीसरी पीढ़ी का उपग्रह है. इसका उद्देश्य उन्नत पेलोड विनिर्देशों के साथ-साथ अनुप्रयोग क्षेत्रों के साथ ओशनसैट -2 अंतरिक्ष यान की सेवाओं को निरंतर रखना है.
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