Categories: Science

Outlook 2022 Life Insurance Emerging Trends Growth Analysis And Expectations From 2023 Year

कोविड-19 के बाद लाइफ इंश्योरेंस का महत्व / जागरूकताः कोविड महामारी का हमारे जीवन एवं भविष्य को लेकर हमारे रवैये पर काफी अधिक असर देखने को मिला है. महामारी की वजह से भारत में 5.3 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई. इस तरह महामारी से वित्तीय स्थिरता (फाइनेंशियल स्टैबिलिटी) और फाइनेंशियल इम्युनिटी को लेकर लोगों के आम नजरिए को प्रभावित किया. महामारी के बाद हुए एक सर्वे में हिस्सा लेने वाले 50 फीसदी से ज्यादा लोग अब इमरजेंसी फंड बनाने में यकीन रखते हैं जबकि करीब 80 फीसदी का यह कहना है कि फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए इंश्योरेंस महत्वपूर्ण है. लोगों में टर्म लाइफ कवर पॉलिसी को लेकर दिलचस्पी तत्काल बढ़ी और इंटरनेट पर टर्म प्रोडक्ट्स की तुलना करने वालों की तादाद में इजाफा देखने को मिला.

नजरिए में यह बदलाव और लोगों की दिलचस्पी बढ़ने का असर ये हुआ है कि भारत में 2020-21 में इंश्योरेंस पेनेट्रेशन बढ़कर 3.2 फीसदी पर पहुंच गई जो रेग्युलेटर की सालाना रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में 2.8 फीसदी थी.  

•  ग्रामीण भारत में ग्राहकों की अपेक्षाएं एवं व्यवहार

1. ग्रामीण आबादी में विश्वास एवं जागरूकता की जरूरत 
2. ग्रामीण इलाकों में उभरता हुआ लाइफ इंश्योरेंस मार्केट

आम तौर पर भारतीय अपनी सालाना आमदनी के 3.5-4 गुना रकम का इंश्योरेंस रखते हैं जबकि लोगों को अपनी वार्षिक आय के 10-25 गुना रकम के बराबर धनराशि का इंश्योरेंस लेने की सलाह दी जाती है. लाइफ इंश्योरेंस पेनेट्रेशन बढ़ी है लेकिन हमने यह पाया है कि यह मुख्य रूप से शहरी भारत में देखने को मिला है और आज भी अधिकतर ग्रामीण आबादी के पास पर्याप्त इंश्योरेंस कवर नहीं है. भारत जैसे देश में जहां करीब 65 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है, ऐसा माना जाता है कि इससे लाइफ इंश्योरेंस प्रोटेक्शन गैप 80 फीसदी तक है. इस आंकड़े से इस सेग्मेंट में जागरूकता और पेनेट्रेशन बढ़ाने की जरूरत का पता चलता है. 

हालांकि, टेक्नोलॉजी को अपनाए जाने से ग्रामीण इलाकों में भी ऐसे ग्राहकों तक पहुंचने का एक जरूरी जरिया मिल गया है. एक अनुमान के तौर पर भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाली 50 फीसदी आबादी ग्रामीण भारत से आती है. इससे डिजिटल के जरिए इन इलाकों के ग्राहकों तक पहुंचना और उन्हें सर्विस उपलब्ध कराने की बहुत अधिक संभावनाएं मौजूद हैं.  

ग्रामीण भारत की जरूरतें और चुनौतियां अलग हैं जैसे यहां टिकट का आकार छोटा होना चाहिए. इसके अलावा सीजन एवं आमदनी में अनिश्चितता और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सर्विस उपलब्ध कराना जैसी अपनी तरह की चुनौतियां हैं.

केवल इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स का डिस्ट्रिब्यूशन करने के बजाय इन ग्राहकों को समाधान उपलब्ध कराए जाने पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है. श्रीराम लाइफ का ध्यान ग्रामीण और शहरी आबादी पर रहा है. कंपनी का करीब 44 फीसदी बिजनेस ग्रामीण भारत से आता है. कंपनी अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्षों से सॉल्यूशन और प्रोसेस की तलाश करती रही है.  

• कस्टमर इंगेजमेंट के लिए एआई का इस्तेमाल

1. 2022 और उसके बाद भी लाइफ इंश्योरेंस के लिए उभरते डिजिटल ट्रेंड्स

2. डिजिटल माध्यम से ग्राहकों की लेनदेन में इजाफा 

महामारी की वजह से डिजिटल को ज्यादा लोग अपना रहे हैं और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए लेनदेन को लेकर लोगों में विश्वास बढ़ा है. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में 69 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और एक अनुमान के अनुसार 39 करोड़ लोग किसी ना किसी तरह का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करते हैं. 

महामारी की शुरुआत में इंश्योरेंस कंपनियों ने अपनी सेल्स टीम और कस्टमर सर्विस से जुड़ी टीम को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए टेक्नोलॉजी पर बहुत अधिक ध्यान दिया. इसमें समय के साथ इजाफा देखने को मिला क्योंकि वेबसाइट, मोबाइल ऐप और व्हाट्सएप जैसे कई डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं. ईकेवाईसी और डिजिटल पेमेंट्स ने सेल्स की पूरी प्रोसेस को काफी आसान बना दिया.   

एआई से ऐसे प्रोसेस और फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को डेवलप करने में मदद मिली है जो मजबूत एनालिटिक्स पर चलते हैं. वे बेहतर निगरानी, नियंत्रण और लचीलता के साथ-साथ नतीजों को लेकर बेहतर समझ प्रदान करते हैं. नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (एनएलपी) और स्पीच रिकग्निशन टेक्नोलॉजी में हुई प्रगति से वॉयस बॉट्स के विकास में मदद मिली है जो जल्द ही बीएफएसआई कस्टमर सर्विस स्ट्रेटेजी का अहम हिस्सा बनने जा रहे हैं.  

ऐसा माना जा रहा है कि एआई और प्रिडिक्टिव एनालिसिस आने वाले वर्षों में भी ट्रेंड में बना रहेगा. इसके अलावा इंश्योरेंस कंपनियां टेक्नोलॉजी की मदद से क्लेम के सेटलमेंट और अंडरराइटिंग जैसी प्रक्रियाओं को मजबूती देने की ओर देखेंगे. श्रीराम लाइफ में हम सुदूर ग्रामीण इलाकों के नॉन-अर्ली डेथ क्लेम को 12 घंटे के भीतर सेटल कर पा रहे हैं. ग्राहकों की पूरी जर्नी के दौरान TATs को बेहतर करने और मजबूत प्रोसेस डेवलप करने पर फोकस बना रहेगा.  

• प्रोडक्ट का विकास

1. ग्राहक बेहतर कस्टमाइजेशन और लक्ष्य को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए प्रोडक्ट्स चाहते हैं 

इंश्योरेंस से जुड़े परिदृश्य में बदलाव और टेक्नोलॉजी अपनाए जाने के साथ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स से ग्राहकों की अपेक्षाएं पूरी तरह बदल गई हैं. हालांकि, पारंपरिक प्रोडक्ट्स प्रासंगिक बने रहेंगे लेकिन ग्राहकों की जरूरतों पर आधारित सॉल्यूशन की मांग और फोकस में बहुत अधिक इजाफा देखने को मिला है. इंश्योरेंस कंपनियां ग्राहकों की नई श्रेणियां की तलाश कर रही हैं और ऐसे में इन सेग्मेंट्स के लिए नवाचार करने और प्रोडक्ट्स को कस्टमाइज करने की जरूरत बढ़ी है. युवाओं में इंश्योरेंस को लेकर दिलचस्पी बढ़ने से भी प्रोडक्ट के विकास में बदलाव देखने को मिला है क्योंकि युवा लोग इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स खरीदते समय अधिक वैल्यू चाहते हैं. 

• आईआरडीए के हालिया घटनाक्रमों को लेकर दृष्टिकोण

नियामक (रेग्युलेटर) ने इंडस्ट्री की ग्रोथ को गति देने के लिए प्रोएक्टिव तरीके से कुछ कदम उठाए हैं. कई नियामकीय जरूरतों को सरल किया गया है जबकि गाइडलाइंस में ढील दी गई है ताकि अन्य चीजों के साथ-साथ पूंजी में वृद्धि हो. कॉरपोरेट एजेंट्स के लिए डिस्ट्रिब्यूशन टाई-अप का विस्तार किए जाने जैसे हालिया कदम से इश्योरेंस कंपनियों के पास अब ज्यादा प्रोडक्ट्स पेश करने की सहूलियत होगी जिससे ग्राहकों को ज्यादा विकल्प मिल पाएंगे.  

साल 2023 से अपेक्षाएं

भारत में इंश्योरेंस की ग्रोथ के लिए बहुत अधिक संभावनाएं मौजूद हैं. यह सेक्टर नए बाजार तक पहुंचने के लिए लगातार इनोवेट कर रहा है और टेक्नोलॉजी को अपना रहा है और आने वाले वर्षों के लिए आउटलुक काफी पॉजिटीव है. महामारी के बाद इंडस्ट्री ने अच्छी रफ्तार पकड़ी है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि ग्रोथ का ट्रेंड जारी रहेगा. हालांकि, कुछ मैक्रोइकोनॉमिक फैक्टर्स से हालिया ग्रोथ पर असर देखने को मिला है और इसे इग्नोर नहीं किया जा सकता है लेकिन कुल मिला-जुलाकर इंडस्ट्री का आउटलुक काफी सकारात्मक नजर आ रहा है.  

इस लेख के लेखक कैस्पेरस जे एच क्रोमहाउट हैं जो श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ हैं. लेख में प्रकाशित विचार और राय उनके निजी हैं.

ये भी पढ़ें

RBI ने फ्लोटिंग रेट बॉन्ड्स् की ब्याज दरों में किया इजाफा, जानिए आपको कितने फीसदी ज्यादा मिलेगा ब्याज

Source link

jaghit

Share
Published by
jaghit

Recent Posts

'मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना' के लिए नहीं है बजट? अब मंत्री नरेंद्र पटेल ने किया ये दावा

<p style="text-align: justify;"><strong>Madhya Pradesh News Today:</strong> भारत सहित पूरी दुनिया ने 3 साल वैश्विक महामारी…

4 weeks ago

Inside Hina Khan’s Pre-Birthday Celebrations With Rocky Jaiswal And Mother In Goa

Hina Khan’s birthday is on October 2. (Photo Credits: Instagram)From a stunning view of her…

4 weeks ago

Swiggy IPO Gets Sebi Approval: All You Need to Know About Rs 11,000-Crore Issue

Food and grocery delivery major Swiggy has received markets regulator Sebi’s clearance to launch its…

4 weeks ago

‘Imprints of Make in India visible everywhere’: PM Modi lauds 10 years of flagship initiative | India News

NEW DELHI: Prime Minister Narendra Modi on Wednesday lauded the efforts of each and every…

4 weeks ago

Waqf Amendment Bill JPC 1 Crore Emails Nishikant Dubey VHP Vinod Bansal Said it Email Jihad | वक्फ बिल पर 1 करोड़ से ज्यादा सुझाव: VHP बोली

Waqf Amendment Bill Email: वक्फ संशोधन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सुझाव के लिए…

4 weeks ago

Georgia Meloni and Elon Musk date truth behind the viral photos

Meloni And Musk Viral Photos : दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ज्यादातर किसी…

4 weeks ago