NPR Update Bill: संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू होगा और संभावना है कि 29 दिसंबर को यह समाप्त हो सकता है. इससे पहले ही अब शीतकालीन संत्र में पेश होने वाले संभावित विधेयकों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार संसद में जन्म और मृत्यु पर डेटाबेस बनाए रखने और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register) को अपडेट करने की अनुमति देने के लिए विधेयक ला सकती है.
विधेयक का मसौदा जन्म और मृत्यु पंजीकरण (आरबीडी) अधिनियम, 1969 में संशोधन करेगा. मसौदे को सार्वजनिक टिप्पणियों और सुझावों के लिए पिछले साल अक्टूबर में गृह मंत्रालय ने साझा किया था. प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, डेटा का उपयोग मतदाता सूची, आधार डेटाबेस, राशन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस को अपडेट करने के लिए भी किया जाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार धारा 3A को जोड़कर आरबीडी अधिनियम (Registration Of Birth And Death ACT) की धारा 3 में संशोधन करना चाहती है. यह कहती है, “रजिस्ट्रार जनरल, भारत में राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकृत जन्म और मृत्यु के डेटाबेस को बनाए रखेगा, जिसका उपयोग अनुमति के साथ किया जा सकता है.”
मसौदे में और क्या कुछ कहा गया है?
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सरकार ने धारा 8 में भी संशोधन प्रस्तावित किया है जो जन्म और मृत्यु के बारे में जानकारी देने के लिए नागरिकों और घर के मुखिया की आवश्यकता से संबंधित है. मसौदे में यह कहा गया है कि अगर आधार संख्या उपलब्ध हो तो जिम्मेदार लोगों को माता-पिता और जन्म के मामले में मुखबिर और मृतक, माता-पिता, पति या पत्नी और मृत्यु के मामले में मुखबिर प्रदान करने की आवश्यकता होगी.
इसके अलावा, धारा 17, जो जन्म और मृत्यु रजिस्टर की खोज और जन्म और मृत्यु के प्रमाण के रूप में इन प्रमाणपत्रों को जमा करने से संबंधित है, सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि इन प्रमाणपत्रों का उपयोग किसी व्यक्ति के जन्म की तारीख और स्थान को साबित करने के लिए किया जाएगा.
कहां-कहां होगा इसका इस्तेमाल?
धारा 23 में भी संशोधन, जुर्माना बढ़ाया
रिपोर्ट के मुताबाकि, धारा 23 में एक संशोधन के माध्यम से, जो सूचना को रोकने के लिए दंड से संबंधित है, सरकार ने किसी व्यक्ति या संस्था पर जुर्माना बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति जन्म या मृत्यु करने का प्रस्ताव दिया है. पहले यह 50 रुपये ही था. इसने संबंधित प्राधिकरण के सूचना प्राप्त होने के बाद जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक सप्ताह का समय तय करते हुए धारा 12 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है. मसौदे में चिकित्सा संस्थानों के लिए “रजिस्ट्रार को मृत्यु के कारण के रूप में एक प्रमाण पत्र” प्रदान करना अनिवार्य कर दिया है.
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