कोरोना वायरस का प्रकोप अभी तक हम भूल नहीं पाए हैं. दुनिया के वो देश जो अपने आप को सबसे ज्यादा मेलिकल साइंस में सर्वोच्च मानते थे, इस वायरस ने उन्हें घुटनों पर ला दिया था. लाशों का ढेर हो या फिर बड़े शहरों से लाखों-करोड़ों की संख्या में पलायन करते चेहरे…हमें अभी तक सब याद हैं. अब सवाल उठता है कि क्या ये सबकुछ हम फिर से देखने वाले हैं. ये सवाल ऐसे ही नहीं उठ रहे हैं… बल्कि पिछले 15 दिनों में कोरोना के संक्रमण तेजी से बढ़े हैं. पिछले 6 महीनों में पहली बार तीन दिनों में लगातार तीन हजार से ज्यादा कोरोना के केस देखने को मिले हैं. इनमें से ज्यादातर केस XBB.1.16 वेरिएंट के हैं. चलिए अब जानते हैं कोरोना वायरस से जुड़े आपके जेहन में उठने वाले सवालों के जवाब.
नवंबर-दिसंबर 2019 में जब पहली बार कोरोना वायरस के केस सबके सामने आए तो उसके बारे में हमें कुछ नहीं पता था. उससे बचने के लिए हमारे पास कोई वैक्सीन नहीं थी और ना ही हमारे पास अपने लोगों को क्वारंटीन करने के लिए कोई शेल्टर मौजूद थे. ऑक्सीजन की जितनी जरूरत होनी चाहिए थी वो भी हमारे पास मौजूद नहीं थी. लेकिन अब स्थिति ऐसी नहीं है. केस भले बढ़ रहे हैं…लेकिन हमारी मेडिकल स्थिति पहले से बेहतर है. अब हमारे पास इस वायरस से बचने के लिए वैक्सीन है.
भारत की ज्यादातर आबादी वैक्सीनेटेड है. डॉक्टरों और हेल्थ सेक्टर में काम करने वाले लोगों को इस वायरस से डील करने का तरीका पता है. हालांकि, इसके बावजूद भी हम इसके खतरे को नकार नहीं सकते. इसलिए अगर आपके आसपास कोई कोरोना संक्रमित है तो आपको हर तरह की सावधानी बरतनी चाहिए.
आंकड़ों की बात करें तो स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद नंबर्स बताते हैं कि देश में अब तक कुल 220,66,09,015 लोगों को वैक्सीन लगाया जा चुका है. जबकि, देश में सक्रिय मामलों की संख्या 16354 है. वहीं अब तक कोरोना से 530876 लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना से ठीक होने वालों की बात करें तो उनकी संख्या 44171551 है.
भारत में लगभग 95 फीसदी अडल्ट आबादी को कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. वैक्सीन लगने के बाद हमारे शरीर में जो इम्युनिटी सिस्टम डिवेलप हुआ है, वो हमें कोरोना वायरस समेत कई अन्य बीमारियों से भी बचाता है. जिन भी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगी है, अगर वो अब कोरोना से संक्रमित हो भी जाते हैं तो उन पर इस वायरस का उतना असर नहीं होगा. इस वक्त भारत में जितने भी कोरोना वायरस के वेरिएंट हैं उन सब पर भारत में लगाई जाने वाली वैक्सीन असरदार है. इसके साथ ही जिन लोगों को कोरोना का संक्रमण एक बार पहले हो गया है, उनके भीतर हर्ड इम्युनिटी बन गई है जो उन्हें भविष्य में कोरोना के गंभीर खतरों से बचाएगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को महामारी विज्ञान की रिपोर्ट जारी की. इसके अनुसार, पिछले 28 दिनों में भारत में कोरोना से होने वाली मौतों में 114 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है. जबकि संक्रमण के आंकड़ों में 437 फीसदी की वृद्धि हुई है. कोरोना का नया वेरिएंट इतना खतरनाक नहीं है…लेकिन फिर आंकड़ों को देखते हुए हमें सतर्क रहने की जरूरत है. इसी रिपोर्ट में दक्षिण-पूर्व एशिया में मिलने वाले कोरोना के मामलों की संख्या भी बताई गई है. इसके अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया में नए कोविड मामलों की संख्या 27 हजार से ज्यादा है और बीते 28 दिनों की तुलना में इनमें 152 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है.
ओमिक्रॉन वेरिएंट XBB.1.16 को लेकर देश में चिंता का माहौल है. इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख डॉ. मारिया वान केरखोव ने हाल ही में एक बयान जारी करते हुए कहा था कि दुनियाभर के 22 देशों में ओमिक्रॉन वेरिएंट XBB.1.16 के लगभग 800 सीक्वेंस हैं. इन सीक्वेंस में से ज्यादातर भारत में हैं. इस नए वेरिएंट के गुण भी कुछ हद तक XBB.1.5 के जैसे ही हैं. डब्ल्यूएचओ का मानना है कि भारत में तेजी से बढ़ रहे मामलों के पीछे ओमिक्रॉन वेरिएंट XBB.1.16 ही कारण है.
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