Indian Navy to Order BrahMos Supersonic Cruise Missiles: भारतीय नौसेना अपनी ताकत में और इजाफा करने जा रही है. नौसेना (Indian Navy) अपने जंगी जहाजों के लिए 200 से ज्यादा ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों (BrahMos Supersonic Cruise Missiles) को प्राप्त करने के लिए ऑर्डर देगी. जिसके लिए 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा रकम खर्च होगी. समुद्री बल के सभी फ्रंटलाइन युद्धपोतों को इनसे लैस किया जाएगा.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने बताया कि इन 200 से ज्यादा ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों को प्राप्त करने का भारतीय नौसेना का प्रस्ताव एक उन्नत चरण में है और रक्षा मंत्रालय की ओर से जल्द ही उसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रस्ताव पर जल्द ही रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में चर्चा होने वाली है.
हाल में हुआ था ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण
भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए ब्रह्मोस एंटी-शिप और अटैक ऑपरेशन में काम आने वाला मुख्य हथियार है. हथियार प्रणाली में इनका इस्तेमाल नियमित रूप से होता रहा है. हाल में कोलकाता-श्रेणी के एक फ्रंटलाइन युद्धपोत से अरब सागर में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया गया था. मिसाइल के एंटीशिप वैरिएंट का परीक्षण अपग्रेडेड मॉड्यूलर लॉन्चर का इस्तेमाल करते हुए किया गया था.
नौसेना कहा था कि डीआरडीओ की ओर से डिजाइन किए गए स्वदेशी सीकर और बूस्टर के साथ एक जहाज से अरब सागर में लॉन्च की गई मिसाइल के परीक्षण ने नेवी की आत्मनिर्भरता को लेकर प्रतिबद्धता को मजबूत किया है.
भारत के लिए क्यों अहम है यह मिसाइल?
बता दें कि भारत और रूस का साझा उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें बनाता है. इन मिसाइलों को जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों या जमीनी प्लेटफॉर्म्स से लॉन्च किया जा सकता है. पिछले कुछ वर्षों में इस मिसाइल की प्रहार क्षमता में इजाफा किया गया है.
भारत-रूस की संयुक्त उद्यम कंपनी ने इसकी स्ट्राइक रेंज को 290 से बढ़ाकर 400 किलोमीटर से ज्यादा करने में अहम सफलता हासिल की है. मिसाइल सिस्टम में स्वदेशी सामग्री को भी बढ़ाया गया है. वहीं भारतीय उद्योग और निर्माताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए इसके कई सिस्टम को को उन्नत और स्वदेशी बनाया गया है.
फिलीपींस को भी मिसाइल सिस्टम का एक्सपोर्ट किया जा रहा है. वहीं, फिलीपींस मरीन कॉर्प्स के जवानों ने भारत में ब्रह्मोस सुविधाओं में ट्रेनिंग ली है और उसके कई बैचों को यहां प्रशिक्षित किया जा रहा है. अतुल राणे की अध्यक्षता वाली ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से निर्धारित 5 बिलियन अमरीकी डालर के एक्सपोर्ट के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम कर रही है.
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