ASSOCHAM: वेस्टर्न फूड आइटम्स के मुकाबले इंडियन खानों को सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. इसी से रिलेटेड ‘मीनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ ASSOCHAM ने एक रिपोर्ट जारी की है. केंद्रीय वाणिज्य और उद्धोग मंत्री पीयूष गोयल ने एसोचैम के कार्यक्रम में इंडिया खानों को लेकर एक रिपोर्ट पेश किया है. इस रिपोर्ट का नाम था ‘Indian Cusisine at Crossroads’. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बर्गर की तुलना में समोसा सेहत के लिए अच्छा है.
एसोचैम ने अपनी रिपोर्ट में एक सर्वे को भी शामिल किया है. यह सर्वे देश के 12 आबादी वाले शहरों में जाकर किया गया है. इस पूरे सर्वे में 5 हजार से ज्यादा लोगों ने भाग लिया. इसमें लोगों से पूछा गया कि क्या आप सील प्रोडक्ट्स के पैकेट के ऊपर लिखी जानकारी को पढ़ते हैं या इसके बारे में आपको कोई जानकारी है. तो इस पर 40 प्रतिशत लोगों ने हां जवाब दिया.
वहीं दूसरी तरफ सर्वे में शामिल लोगों ने जवाब दिया कि उन्होंने महीने में कम से कम एक बार पैकेज्य फूड ब्रांडेड या नॉन ब्रांडेड खाना खाया है. इस सर्वे में एक और सच को उजागर किया गया है कि भारत में नॉन ब्रांडेड से लेकर ब्रांडेड फूड की खपत 1:3 रेशियो है. वहीं नॉन ब्रांडेड फूड की खपत ज्यादा है.
इस सर्वे में 90 प्रतिशत लोगों ने कहा कि खाने में ज्यादा चीनी, नमक और फैट खाने के नुकसान को वह अच्छे से जानते हैं. नॉन ब्रांडेड फूड के बारे में 94 प्रतिशत लोगों ने कहा ऐसे खाने को लेकर बहुत चिंता होती है. नॉन ब्रांडेड और अनपैक्ड खाने को लेकर इंडियन फूड कमिटी को इसे लेकर कुछ खास नियम बनाने चाहिए. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है ऐसे प्रोडक्ट की खास चेक होनी चाहिए. टीयर-1 की तुलना में टीयर -2 शहर के लोगों को खानपान को लेकर ज्यादा जागरूक करने की जरूरत है. विदेशी खाना के मुकाबले इंडियन फूड्स में कैलोरी कम होती हैं. साथ ही इसमें भारत के ट्रेडिशनल कुकिंग स्टाइल के फायदे भी बताए गए हैं.
अगर बर्गर और समोसा की तुलना करें तो दोनों जंक फूड है. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि समोसा बनाने के लिए फ्रेश चीजों का इस्तेमाल होता है. वहीं बर्गर में प्रिजरवेटिव्स का यूज किया जाता है. समोसा आटे या मैदा से बना होता है और शुद्ध कुकिंग ऑयल में तला जाता है. साथ ही इसमें जीरा, उबले आलू, मटर, नमक, मिर्च और मसाले यूज किए जाते हैं. वहीं बर्गर पैक्ड मसालों से बनाया जाता है. बर्गर कई दिनों का भी हो सकता है. जिसे खाने के बाद कई तरह के नुकसान भी हो सकते हैं. समोसा में मैदा का इस्तेमाल डायरेक्ट किया जाता है वहीं बर्गर के बैटर को बनाने के लिए मैदे में यीस्ट का इस्तेमाल किया जाता है. ताकि ब्रेड स्पंजी बने. बर्गर की टिक्की बनाने के लिए कुकिंग ऑयल के अलावा दूसरे तेलों का भी यूज किया जाता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडियन थाली प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरी-पूरी है. इसमें चपाती, दाल, चावल, हरी पकी हुई सब्जियां, दही, छाछ जैसे डेयरी प्रोडक्ट होते हैं. जो आपके पेट भरने के साथ-साथ आपके हेल्थ के लिए बहुत अच्छा होता है.
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