French Ambassador In Niger: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने खुलासा किया है कि संघर्षग्रस्त नाइजर राज्य में उनके देश के दूत और उनके कर्मचारी दूतावास में बंधकों की तरह रह रहे हैं. मैक्रों ने कहा कि दूत सिल्वेन इत्ते पवारलेस हो चुके है. मैक्रॉन ने नाइजर में जुंटा आर्मी के लोगों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे लोग दूतावास में भोजन की आपूर्ति पर कमी कर रहे हैं. इसकी वजह से वहां पर रहने वाले राजनयिक कर्मचारी दयनीय स्थिति में रह रहे हैं.
मैक्रॉन ने बरगंडी की यात्रा के दौरान संवाददाताओं से कहा, “जैसा कि हम बात कर रहे हैं, हमारे पास एक राजदूत और राजनयिक कर्मचारी हैं, जिन्हें वास्तव में फ्रांसीसी दूतावास में बंधक बनाकर रखा गया है.”उन्होंने कहा, “वे लोग खाने में कमी कर रहे हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार इत्ते को घर वापस लाने की योजना बना रही है, मैक्रॉन ने कहा: “मैं वही करूंगा जो हम राष्ट्रपति बज़ौम के साथ सहमत होंगे क्योंकि वह वैध प्राधिकारी हैं और मैं हर दिन उनसे बात करता हूं.”
राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को बंधक बना लिया गया
नाइजर में 26 जुलाई को सेना के लोगों ने राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को बंधक बना लिया था और उन्हें पद से हटा दिया था. इसके बाद नाइजर सेना ने फ्रांस के दूत सिल्वेन इत्ते से कहा था कि उन्हें जल्द से जल्द देश छोड़ देना चाहिए. हालांकि, 48 घंटे का अल्टीमेटम समाप्त होने के बाद भी फ्रांसीसी सरकार ने सैन्य शासन को वैध मानने के साथ-साथ पालन करने से भी इनकार कर दिया.
विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना के अनुसार राजदूत वाणिज्य दूतावास में काम कर रहे हैं और जब तक उनका देश मांग करेगा, तब तक वे अपने पद पर बने रहेंगे. फ्रांसीसी मीडिया रिपोर्टों में कोलोना के हवाले से कहा गया, “वह अपनी टीम के संपर्कों के कारण हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं.”
यूरोपीय संघ नाइजर में सत्ता कब्जा के खिलाफ
मैक्रॉन ने कई हफ्तों तक फ्रांसीसी राजदूत को हटाने के आह्वान को खारिज कर दिया है, यूरोपीय संघ की तरफ से समर्थित रुख ने मांग को उकसावे के रूप में वर्णित किया है. यूरोपीय संघ के विदेश मामलों की प्रवक्ता नबीला मस्सराली ने पिछले महीने कहा था कि फ्रांस की तरह यूरोपीय संघ नाइजर में सत्ता पर कब्ज़ा करने वाले अधिकारियों को मान्यता नहीं देता है.
नाइजर के राष्ट्रपति बज़ौम को तब अपदस्थ कर दिया गया, जब उनके ही गार्ड के सदस्यों ने उन्हें हिरासत में ले लिया. सैन्य जुंटा की तरफ से सत्ता पर कब्जा करने के बाद, जनरल अब्दौराहमाने तियानी को राज्य का नया प्रमुख बनाया गया. मुख्य पश्चिम अफ़्रीकी ब्लॉक ECOWAS जुंटा के साथ बातचीत करने की कोशिश कर रहा है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
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