Ashok Gehlot Coronavirus Positive: कोरोना वायरस दुनियाभर में तबाही मचाने के बाद अभी भी पीछा नहीं छोड़ रहा है. वहीं मौसम बदलने के साथ देश में कई जगह कोरोना वायरस अपने पैर पसार रहा है. इस बीच राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं. इसके अलावा स्वाइन फ्लू ने भी उन्हें अपना शिकार बना लिया है. पूर्व सीएम ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी.
अशोक गहलोत ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर लिखा, “पिछले कुछ दिनों से बुखार होने के कारण आज डॉक्टर्स की सलाह पर जांच करवाईं जिसमें कोविड और स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. इस कारण अगले सात दिन तक मुलाकात नहीं कर सकूंगा. इस बदलते मौसम में आप सब भी अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें.”
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सर्दियों में बढ़ा कोरोना वायरस का खतरा
बदलते मौसम के बीच राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं. क्योंकि राजस्थान में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. मौसम के मिजाज में बदलाव देखने को मिल रहा है. मौसम के मिजाज में बदलाव के चलते बच्चों और बुजुर्गों को मौसमी बीमारियों ने जकड़ना शुरू कर दिया है.
ठंड बढ़ने से मौसमी बीमारियों का बुजुर्गों पर प्रकोप बढ़ गया है. हालांकि यह बदलते मौसम के साथ साधारण बात है. लेकिन, खांसी, जुकाम और आम सी दिखने वाली बीमारी रात में बच्चों और बुजुर्गों को बेचैन कर देती है. मौसमी बीमारियों में बुखार खांसी, जुकाम और सांस लेने में तकलीफ सहित कार्डियक अटैक और स्ट्रोक का भी खतरा बढ़ जाता है.
हेल्थ एक्सपर्ट का क्या है कहना?
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, देशभर में इस वक्त मौसम बदल रहा है. भीषण शीतलहर के साथ ही दिन में मौसम अच्छा भी हो रहा है. इसलिए ये सेहत के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है. क्योंकि कोरोना के केस भले ही कम हो गए हो, लेकिन इसका प्रभाव कम नहीं हुआ है. सर्दियों के अंत में देश में एक बार फिर संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं. स्वास्थ्य संगठनों का कहना है कि मौसम ठंडा होने से कोरोना वायरस और दूसरे संक्रमण बढ़ जाते हैं. साल 2020 में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, ठंड और शुष्क परिस्थितियों में कोरोना लंबे समय तक जिंदा रह सकता है. यूएस स्टेट वर्मोंट में कोरोना के मामलों में 70 प्रतिशत तक का इजाफा देखने को मिला है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि दिसंबर और जनवरी में शीतकालीन फ्लू काफी तेजी से बढ़ते हैं. 2022 में फ्लू का संक्रमण अक्टूबर में ही देखने को मिला था. इस साल नवंबर में ही इसके केस आने लगे थे. फ्लू से पीड़ित कई लोगों में इसके लक्षण इतने हल्के होते हैं कि उनकी जांच भी नहीं की जा सकती है. इसलिए मरीजों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कोरोना और फ्लू दोनों से बचाव करने की जरूरत है. मास्क पहनने के साथ हर किसी को कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करना चाहिए. कोरोना वायरस से बचाव के लिए बुजुर्गों और बच्चों का सही तरह ख्याल रखें. किसी तरह की लापरवाही से बचें.
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