Categories: Politics

Existing Vaccines Of Corona Virus Is Effective Against The New COVID Variants Or Not Abpp

देश में कोरोना के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर लोगों के मन में डर पैदा करना शुरू कर दिया है. राजधानी दिल्ली में कल यानी रविवार को कोविड संक्रमण के 699 नए मामले दर्ज किए गए. वहीं कई महीनों बाद एक दिन में 4 मरीजों की मौत का मामला सामने आया है.

देशभर की बात करें तो स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे यानी 9 अप्रैल को देशभर में कोरोना के 5,880 नए मामले सामने आए हैं. वहीं 12 मरीजों की मौत हुई है. जबकि पॉजिटिविटी रेट 6.91 फीसदी पहुंच गया है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अगर रोजाना पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से ज्यादा हो तो माना जाता है कि संक्रमण बेकाबू हो गया है.

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आपको लगा टीका कोरोना के नए वेरिएंट के खिलाफ कारगर होगा? वर्तमान में भारत से लेकर पूरी दुनिया में जितनी वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है, सारी वो वैक्सीन हैं, जिन्हें कोविड के मूल वेरिएंट के खिलाफ विकसित किया गया था. ऐसे में जब वायरस बदल रहा है तो क्या वैक्सीन को भी बदलने की ज़रूरत है?

वैक्सीन दो तरह का बनाता है एंटीबॉडी

दरअसल कोई भी वैक्सीन शरीर में दो तरह के एंटीबॉडी का लेयर बनाता है. पहला लेयर शरीर में बी कोशिकाओं की मदद से एंटीबॉडी तैयार करता है. यह एक तरह का श्वेत रक्त कोशिकाएं यानी वाइट बल्ड सेल है. ये एंटीबॉडी शरीर में वायरस के सीधे हमले से लड़ने में मदद करती है.  

वहीं दूसरा लेयर टी-सेल बनाता है. टी कोशिकाएं एक अन्य प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाएं हैं. इनकी शरीर में कई भूमिकाएं होती हैं, जिनमें से एक है शरीर के अंदर वायरस के संक्रमण को नष्ट करना. वैक्सीन से उत्पन्न ये दोनों लेयर विशेष मेमोरी सेल्स को भी जन्म देती हैं, जो शरीर में जमा हो जाते हैं और भविष्य में किसी वायरस से लड़ने का काम करते हैं. 

टीकाकरण के तुरंत बाद, हमारे शरीर में एंटीबॉडी का स्तर बढ़ जाता है जो किसी भी वायरस से लड़ने के लिए पर्याप्त है. लेकिन वैक्सीनेशन के तीन महीने के बाद ‘ताजा बने’ एंटीबॉडी का स्तर गिरना शुरू हो जाता है, और बीतते समय के साथ ही यह बहुत कम रह जाता है. जो शरीर को संक्रमण से भी नहीं बता सकता. 

क्या हैं टी-सेल (T-CELL)

जब भी इंसानी शरीर पर किसी भी तरह के वायरस का संक्रमण होता है तो ये टी सेल ही हैं दो उस वायरस से लड़ने और बीमारी को शरीर से बाहर निकालने का काम करते हैं. एक स्वस्थ शरीर में एक माइक्रोलीटर खून में आमतौर पर 2000 से 4800 टी-सेल होती हैं, जिसे मेडिकल की भाषा में टी-लिम्फोसाइट्स भी कहा जाता है. वैज्ञानिकों ने परीक्षण में पाया कि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति में इनकी संख्या 200 से 1000 तक पहुंच जाती है. इसलिए उनकी हालत गंभीर हो जाती है.

डॉक्टरों के अनुसार कोरोना संक्रमण के बाद आईसीयू में आने वाले लगभग  70 प्रतिशत मरीजों के शरीर में टी-सेल की संख्या 4000 से घटकर 400 तक आ जाती है. वहीं एक और रिसर्च के अनुसार उन लोगों को संक्रमण नहीं हुआ जिनमें टी-सेल की संख्या ज्यादा पाई गई थी. 

आखिर एंटीबॉडी का स्तर क्यों गिरता है 

विशेषज्ञों की मानें तो तत्काल खतरा बीत जाने के बाद शरीर में एंटीबॉडी के उत्पादन का कम होना बेहद आम है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो शरीर में अलग अलग बीमारी का एंटीबॉडी जमा हो जाएगा और ज्यादा एंटीबॉडी जमा होने के कारण शरीर का खून उतना ही गाढ़ा हो जाएगा. 

एंटीबॉडी के स्तर में गिरावट के कारण ही कई बार टीकाकरण के बावजूद लोग संक्रमित हो जाते हैं. कई मामले ऐसे भी आए हैं जिसमें बूस्टर खुराक लगने के बाद भी लोगों को कोरोना का शिकार होना पड़ा है. 

वहीं वैक्सीनेशन के बेअसर होने का एक कारण ये भी है कि कोरोना वायरस हर 5-6 महीने पर एक नए वेरिएंट के साथ लोगों को संक्रमित कर रहा है ऐसे में पुराने वैक्सीन से तैयार हुए एंटीबॉडी कई बार नए लक्ष्यों को लॉक नहीं कर पाता है. 

नए वेरिएंट और पुरानी वैक्सीन को लेकर सेल होस्ट और माइक्रोब जर्नल की तरफ से एक स्टडी की गई. जिसमें पाया गया कि BF.7 वेरिएंट में वैक्सीन से जो एंटीबॉडी मिलती है, उसे चकमा दिया जा सकता है. इसके अनुसार, बीएफ-7 वेरिएंट में कोरोना वायरस के पहले वेरिएंट के मुकाबले  4.4 गुना ज्यादा प्रतिरोधक क्षमता है. वैक्सीन से बनने वाली एंटीबॉडी को भी नया वेरिएंट संक्रमित कर सकता है. स्टडी में बताया गया है कि कोविड के स्पाइक प्रोटीन में R346T म्यूटेशन होने से जो वेरिएंट बन रहा है, उस पर एंटीबॉडी बेअसर है.

एंटीबॉडी क्या है, कैसे काम करती है?

दरअसल ये एक तरह का प्रोटीन होता है. जो पूरे शरीर में रक्तप्रवाह के जरिए फैलता है और वायरस जैसे बाहरी पदार्थों की पहचान करते हैं और उन्हें बेअसर करते हैं. किलर टी कोशिकाओं द्वारा रोगजनकों को मार दिया जाता है. जब शरीर को नए एंटीबॉडी की आवश्यकता होती है, तो बी कोशिकाएं उनका उत्पादन करती हैं. 

क्यों जरूरी है एंटीबॉडी 

कोई भी व्यक्ति जब कोरोनावायरस से संक्रमित होता है तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बनते हैं ये वायरस से लड़ते हैं. इस वायरस के संक्रमण से ठीक हुए 100 मरीजों में से आमतौर पर 70-80 मरीजों में ही एंटीबॉडी बनते हैं. अमूमन संक्रमण से ठीक होने के दो हफ्ते के अंदर शरीर में एंटीबॉडी बन जाता है. वहीं कुछ मामलों में ठीक होने के बाद महीनों तक भी एंटीबॉडी नहीं बनता है. 

जिस मरीज के शरीर में कोरोना से ठीक होने के कई दिनों बाद एंटीबॉडी बनते हैं उनमें प्लाज्मा की गुणवत्ता कम होती है, इसलिए आमतौर पर उनके प्लाज्मा का उपयोग कम ही किया जाता है.

क्या वैक्सीन लगवाने के बाद भी हो सकते हैं नए वेरिएंट से संक्रमित

वैक्सीन के एंटीबॉडी का स्तर धीरे धीरे शरीर से खत्म हो जाता है. यही कारण है कि ओमिक्रोन का नया वेरिएंट XBB.1.16 उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जिन्होंने कोरोना के वैक्सीन लगवा ली हो.  

कितना खतरनाक है नया वेरिएंट

कोरोना का नया वेरिएंट यानी XXB.1.16.1 की बात करें तो अभी फिलहाल ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह कहा जा सके कि यह वैरिएंट गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है. जानकारों के अनुसार ओमिक्रॉन के सभी वेरिएंट्स पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. भारत में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ गए हैं.वैज्ञानिकों ने कोरोना के नए वैरिएंट XBB.1.16 को कोरोना केसों में आए इस उछाल की वजह बताया है. 

डरने वाली बात ये है कि ओमिक्रॉन का नया रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट XBB.1.16 लगातार म्यूटेट कर रहा है. वहीं इसके सबटाइप XBB.1.16.1 के भी कई केस भी भारत में मिल चुके हैं. 

क्या है कोरोना के नए वेरिएंट के लक्षण 

ओमीक्रॉन का ये नया वेरिएंट XBB.1.16 का लक्षण अन्य वेरिएंट्स की तरह ही हैं. इससे संक्रमित मरीज में बुखार, खांसी, सर्दी, नाक बहना, सिर दर्द, शरीर में दर्द, कभी-कभी पेट दर्द और दस्त के लक्षण देखे गए हैं. इनमें ज्यादातर मरीजों का इलाज घर पर ही किया जा सकता है और केवल गंभीर स्थिति में ही अस्पताल ले जाने की जरूरत होती है.

एक बार फिर पैर पसार रहा कोरोना वायरस 

कोरोना की दूसरी लहर के खौफनाक मंजर को शायद ही किसी ने भूला होगा. जब अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन की किल्लत, श्मशान में जगह की कमी की खबरों से पूरा देश तड़प उठा था. अब एक बार फिर इस वायरस ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. भारत में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी ने सबकी चिंता बढ़ा दी है. 

आने वाले महीने में नए केसों की रफ्तार में जोरदार इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है. इस जानलेवा वायरस ने बीते 24 घंटे में 12 लोगों की जान ले ली है. जो डराने वाली रफ्तार है. 

आंकड़ों पर एक नजर

– पिछले 24 घंटे में भारत में कोरोना के 5880 नए मामले दर्ज किए गए
– बीते 24 घंटे में 12 लोगों ने जान गंवाई 
– 6.9 फीसदी डेली पॉजिटिविटी रेट
–  वीकली पॉजिटिविटी रेट  3.67 फीसदी सामने आया है
–  हर 100 टेस्ट में से 7 पॉजिटिव रिपोर्ट सामने आ रही है 
-21.5 फीसदी पॉजिटिविटी रेट अकेले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में देखने को मिला

महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा संक्रमित 

अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा संक्रमित देखने को मिल रहे हैं. यहां अब तक सबसे ज्यादा 788 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. इनके साथ ही राज्य में बीते रविवार को संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4587 तक पहुंच गई है. हालांकि 560 लोगों की अस्पताल से ठीक होने के बाद छुट्टी भी की गई है. लेकिन अब भी पॉजिटिविटी रेट डरा रहा है. 

दूसरे नंबर पर दिल्ली
महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर है राजधानी दिल्ली. यहां भी कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. यहां बीते 24 घंटे में कुल 699 नए केस सामने आने से चिंता बढ़ गई है. दिल्ली के अलावा हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 137 नए मामले सामने आए हैं. राजस्थान में भी कोरोना के मरीजों की रफ्तार बढ़ रही है. यहां 165 नए केस दर्ज किए गए. वहीं बिहार में भी 42 नए केस सामने आए हैं. 

Source link

jaghit

Share
Published by
jaghit

Recent Posts

'मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना' के लिए नहीं है बजट? अब मंत्री नरेंद्र पटेल ने किया ये दावा

<p style="text-align: justify;"><strong>Madhya Pradesh News Today:</strong> भारत सहित पूरी दुनिया ने 3 साल वैश्विक महामारी…

2 months ago

Inside Hina Khan’s Pre-Birthday Celebrations With Rocky Jaiswal And Mother In Goa

Hina Khan’s birthday is on October 2. (Photo Credits: Instagram)From a stunning view of her…

2 months ago

Swiggy IPO Gets Sebi Approval: All You Need to Know About Rs 11,000-Crore Issue

Food and grocery delivery major Swiggy has received markets regulator Sebi’s clearance to launch its…

2 months ago

‘Imprints of Make in India visible everywhere’: PM Modi lauds 10 years of flagship initiative | India News

NEW DELHI: Prime Minister Narendra Modi on Wednesday lauded the efforts of each and every…

2 months ago

Waqf Amendment Bill JPC 1 Crore Emails Nishikant Dubey VHP Vinod Bansal Said it Email Jihad | वक्फ बिल पर 1 करोड़ से ज्यादा सुझाव: VHP बोली

Waqf Amendment Bill Email: वक्फ संशोधन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सुझाव के लिए…

2 months ago

Georgia Meloni and Elon Musk date truth behind the viral photos

Meloni And Musk Viral Photos : दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ज्यादातर किसी…

2 months ago