Electricity Workers Massive Rally: उत्तर प्रदेश में 4 दिन चली हड़ताल के बाद एक बार फिर बिजली कर्मी आंदोलन की तैयारी में हैं. कुछ दिन पहले ऊर्जा मंत्री से हुई बात के बाद भी बिजली कर्मियों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले वापस नहीं लिए गए, जिसके कारण सूबे के बिजली कर्मियों ने शुक्रवार (24 मार्च) को लखनऊ में विशाल प्रदर्शन करने का एलान किया है.
बता दें कि बिजली कर्मचारियों की ओर से की गई 4 दिन की हड़ताल के बाद उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था चरमरा गई थी, साथ ही कई बड़े शहरों में बिजली ठप्प हो गई थी. लखनऊ में भी इस आंदोलन का असर देखने को मिला था, जिसके बाद मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री की दखल के बाद यह आंदोलन खत्म हुआ किया गया था.
24 मार्च को विशाल रैली की घोषणा
बिजली कर्मियों पर हड़ताल के दौरान कुछ एफआईआर और दूसरे मामले भी दर्ज किए गए थे. जिसके बाद राज्य कर्मचारी महासंघ, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद केंद्र और राज्य सरकार के श्रम संघों और ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों ने मिलकर एक फैसला लिया है. जिसमें कहा गया कि बिजली कर्मियों पर हड़ताल के दौरान की गई निष्कासन, निलंबन और दंडात्मक कार्यवाही, ऊर्जा मंत्री के निर्देश के बाद भी वापस नहीं की जा रही है जोकि चिंता का विषय है.
राज्य सरकार के विभागों, निगमों, निकायों और विश्वविद्यालय के कर्मचारी संघ ने बिजली कर्मियों के विरोध में 24 मार्च को राजधानी लखनऊ में रैली करने की घोषणा की है. उनके मुताबिक, बीएन सिंह के प्रतिमा स्थल सरोजनी नायडू पार्क में 12:00 बजे विशाल प्रदर्शन और रैली की जाएगी. संघ पदाधिकारियों ने कर्मियों पर से दंडात्मक कार्यवाही वापस न होने पर आंदोलन करने का भी फैसला लिया है. उन्होंने बताया कि आगे क्या भूमिका रहेगी, इसकी घोषणा 24 मार्च को की जाएगी.
निलंबन को लेकर मुख्यमंत्री से करेंगे अपील
इस मामले को लेकर श्रम संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी अपील की है. उन्होंने कहा कि वह तत्काल इसमें हस्तक्षेप करें, जिसमें ऊर्जा मंत्री ने दंडात्मक कार्यवाही वापस लेने हेतु ऊर्जा निगम के चेयरमैन को निर्देश दिए थे. हलांकि, इस मामले में ऐसा कुछ अब तक धरातल पर देखने को नहीं मिल रहा है. गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्री के निर्देशों के बाद भी श्रम संघों का आरोप है कि निगम बैक डेटिंग करके 18 मार्च की तारीख में बड़े पैमाने पर बिजली कर्मियों का निलंबन कर रहा है. साथ ही संविदा कर्मियों का निष्कासन किया जा रहा है. इस बैठक की अध्यक्षता पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरनाथ यादव ने की.
बिजली कर्मियों की 72 घंटे के हड़ताल के दौरान पूरे प्रदेश में बिजली संकट छा गया था. ऊर्जा मंत्री और बिजली कर्मचारी संघ के नेताओं के बीच कई दौर की वार्ता हुई, तब जाकर हड़ताल खत्म करने पर बात बनी. दरअसल, 72 घंटे हड़ताल के दौरान बिजली कर्मियों पर सरकार ने निलंबन, एफआइआर सहित कई अन्य कार्रवाई की थी. इनको वापस लेने की मांग को लेकर बिजलीकर्मी ये विरोध प्रदर्शन करेंगे. साथ ही भविष्य में किसी प्रकार का उत्पीड़न न करने और तीन दिसंबर को हुए समझौते को तत्काल लागू किए जाने को लेकर बिजलीकर्मी मुख्यमंत्री से मांग करेंगे.
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