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Digital Pharmacy Ficci Writes To Health Ministry Over Show Cause Notice By Dcgi

Digital Pharmacy: डिजिटल फॉर्मेसी यानी दवाओं की ऑनलाइन बिक्री में पिछले कुछ समय में तेजी देखी गई है लेकिन अब इस पर खतरा मंडरा रहा है. डिजिटल फॉर्मेसी से डेटा के दुरुपयोग के खतरे और मनमानी कीमतों को लेकर केंद्र सरकार चिंतित है और इसे बंद करने पर विचार कर रही है. इसे लेकर फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) ने चिंता जताई है. फिक्की ने इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र भी लिखा है.

फिक्की ने बीती 28 फरवरी को केंद्र को लिखे पत्र में कहा है कि “फिक्की ई-फार्मेसी वर्किंग ग्रुप, जिसमें इंडस्ट्री के लीडर शामिल हैं, विभिन्न रीप्रजेंटेशन, सम्मेलनों के माध्यम से इस क्षेत्र में सामने आने वाली चुनौतियों का लगातार समाधान कर रहा है. ऑपरेशन के उच्च मानकों को सुनिश्चित करने के लिए ‘ई-फार्मेसी मॉडल कोड’, विकसित करने में इंडस्ट्री की मदद भी की है.”

डिजिटल हेल्थ सिस्टम की जरूरत- फिक्की
इसमें आगे कहा गया है, कोविड महामारी ने ये बताया है कि भारत को भविष्य के लिए एक डिजिटल हेल्थ सिस्टम तैयार करने की आवश्यकता है. ई-फॉर्मेसी दवाओं की पूरी ट्रैकिंग के साथ, सस्ती और प्रभावी स्वास्थ्य सेवा के लिए एक मजबूत आधार देती है. महामारी के दौरान जब उन्हें काम करने की अनुमति दी गई, उस समय ई-फॉर्मेसी एक आवश्यक सेवा साबित हुई. प्रधानमंत्री ने खुद कोविड चुनौती के दौरान दवाओं तक पहुंच सक्षम करने में ई-फॉर्मेसी के योगदान को पहचाना और उसकी तारीफ की.

डीजीसीआई ने भेजा था नोटिस
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने बीती 10 फरवरी को 20 ई-फार्मेसी कंपनियों को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा था कि क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. इसमें दो दिन का समय देते हुए कहा गया था कि अगर इस दौरान जवाब नहीं आता है तो ये माना जाएगा कि आपके पास कहने के लिए कुछ नहीं है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

गांवो में गिनाए डिजिटल फॉर्मेसी के फायदे
डीजीसीआई के नोटिस पर चिंता जताते हुए फिक्की ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी ई-फॉर्मेसी के फायदे गिनाए हैं. पत्र में कहा गया है कि इस साल जी-20 की अध्यक्षता के दौरान डिजिटल हेल्थ भारत के लिए फोकस का एक प्रमुख क्षेत्र है. ई-फॉर्मेसी सस्ती दवाओं तक पहुंच के लिए एक मजबूत आधार के रूप में काम करती है. खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां सप्लाई चेन सीमित है और अक्सर दवाएं आउट स्टॉक हो जाती हैं. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाओं का विस्तार करके, ई-फार्मेसी फार्मास्यूटिकल्स तक पहुंच में काफी वृद्धि की जा सकती हैं.

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