Shraddha Murder Case: चेहरे पर मुस्कान…बेफिक्री, बेपरवाह अंदाज और अपने साथी से बेपनाह मोहब्बत. एक ऐसी लड़की जो जिंदगी अपनी शर्तों पर जीना चाहती थी. ऐसी लड़की, जो अपने प्यार के लिए, अपनी मोहब्बत पाने के लिए, घर की दहलीज को बिना हिचकिचाए लांघ गई थी. वो श्रद्धा, जिसने मोहब्बत के लिए सब कुछ कुर्बान करने का फैसला किया, जिसने आफताब को दिल देकर उसके साथ जीने मरने की कसमें खाईं थी. वो श्रद्धा, जो आफताब पर आंख मूंदकर भरोसा करती थी और उसके एक बार कहने पर बिना संकोच अपने घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर एक अंजान शहर में रह रही थी.
ये सोचकर कि जिसके लिए सबकुछ छोड़कर आई है वो उसे एक दिन अपनाएगा, मांग में सिंदूर भरेगा और हमेशा उसके साथ निभाएगा, लेकिन प्यार मोहब्बत की इस कहानी में फरेब, मक्कारी और हैवानियत का ऐसा फलसफा छिपा था. जिसके बारे में किसी ने सोचा नहीं था.
प्यार की खूनी दास्तां…
मुंबई में काम करने वाली श्रद्धा का दिल्ली में बेरहमी से कत्ल (Murder) कर दिया गया था. पुलिस का दावा है कि श्रद्धा को उसी के लिव इन पार्टनर आफताब ने मार डाला. गला दबाकर हत्या करने के बाद जिस्म के 35 टुकड़े कर दिए. इसके बाद फ्रिज में इन टुकड़ों को कई दिनों तक रखा. किसी को शक ना हो इसलिए धीरे-धीरे महरौली के जंगल में 18 दिनों तक शव के टुकड़ों को फेंकता रहा. नोट करने वाली बात ये है कि 6 महीने पहले हुए इस हत्याकांड का अब खुलासा हुआ है. एडिशनल डीसीपी (साउथ दिल्ली) अंकित चौहान ने कहा कि एक लड़का लड़की आए थे और यहां रह रहे थे. लड़के ने लड़की का कत्ल कर दिया और बॉडी के 35 टुकड़े करके जंगल में फेंक दिया.
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आफताब ने खोले कत्ल के सारे राज
पुलिस ने आफताब को शनिवार (12 नवंबर) को ही हिरासत में ले लिया था. उससे जब पूछताछ की गई तो उसने अपना जुर्म कबूल भी कर लिया और फिर धीरे-धीरे कत्ल के सारे राज खोलने शुरू कर दिए. आफताब ने पुलिस को बताया कि उसने श्रद्धा के बॉडी पार्ट्स को जंगल में ठिकाने लगा दिया. रोजाना रात को जंगल में जाता और फिर उसके शव के हिस्सों को जंगल में फेंक आता था. पुलिस का कहना है कि कुछ टुकड़े बरामद हुए हैं. मगर उनकी फॉरेंसिक और डीएनए जांच होनी है.
ये है श्रद्धा और आफताब की बैकग्राउंड स्टोरी
सवाल है आखिर श्रद्धा को आफताब ने क्यों मारा, दोनों के बीच ऐसा क्या हुआ जिसके बाद श्रद्धा को मौत के घाट उतार दिया गया. सबसे बड़ी बात कि छह महीने बाद इस हत्याकांड का पता कैसे चला. पुलिस को क्या कुछ सुराग मिले. कत्ल और हैवानियत की इस कहानी को ठीक से समझने के लिए सबसे पहले श्रद्धा और आफताब की बैकग्राउंड स्टोरी भी समझनी होगी. बात 2019 की है. मुंबई के पास वसई की रहने वाली श्रद्धा वाल्कर मलाड के एक कॉल सेंटर में काम करती थी. इसी कॉल सेंटर में श्रद्धा की जान पहचान आफताब अमीन पूनावाला से हुई.
आफताब के लिए श्रद्धा ने छोड़ा घर
ये बातचीत दोस्ती में बदली और धीरे-धीरे दोस्ती ने प्यार की शक्ल अख्तियार कर ली. जब श्रद्धा ने आफताब के बारे में अपने घर में जिक्र छेड़ा, उसके बारे में माता पिता को बताया तो दोनों ने इस रिश्ते को नामंजूर कर दिया. मगर घर और समाज की परवाह ना करते हुए श्रद्धा ने आफताब के साथ अपनी लाइफ जीने का फैसला कर लिया. श्रद्धा ने 2019 में बताया था कि वो आफताब के साथ रिलेशन में है, लेकिन चूंकि लड़का मुस्लिम था इसलिए श्रद्धा के परिवार ने जब मना किया तो श्रद्धा ने कहा कि वो 25 साल की है और अपने फैसले खुद ले सकती है. इसके बाद श्रद्धा ने घर छोड़ने का फैसला कर लिया.
आफताब ने की थी मारपीट
लड़की के पिता के मुताबिक पहले दोनों नया गांव और बाद में वसई में रह रहे थे, लेकिन जब श्रद्धा की मां की मौत हुई तो 2020 में वो घर वापस आई और मारपीट की कहानी बताई. तब पिता ने बेटी को घर रुकने को ही कहा. श्रद्धा के पिता के मुताबिक इसके बाद आफताब ने श्रद्धा से माफी मांगी और फिर दोनों साथ रहने लगे. पुलिस सूत्रों के मुताबिक इसके बाद श्रद्धा और आफताब मई 2022 में दिल्ली शिफ्ट हो गए और फिर पिता ने भी बेटी से बातचीत बंद कर दी, लेकिन श्रद्धा ने दिल्ली जाने वाली बात अपने क्लासमेट लक्ष्मण को बताई थी. श्रद्धा के पिता का कहना है कि लक्ष्मण के जरिए ही बेटी की खैर खबर मिल जाया करती थी. मगर सितंबर में अचानक श्रद्धा ने फोन उठाना बंद कर दिया और फिर जब उन्होंने भी बातचीत करने की कोशिश की, बेटी को कॉन्टैक्ट किया तो बात नहीं हो पाई.
कैसे हुआ लड़के पर शक?
सीनियर इंस्पेक्टर संपत पाटिल ने बताया कि लड़की दो ढाई महीने से गायब थी. लड़का हर बार स्टेटमेंट चेंज कर रहा था. मई से उसका मोबाइल, बैंक ट्रांजैक्शन बंद था. इस दौरान ये जानकारी सामने आई कि श्रद्धा और आफताब दिल्ली में 8 मई को पहुंचे थे. उसके बाद पहाडगंज के एक होटल में 1 दिन रुके. बाद में सैदुलाजाबा इलाके में एक होस्टल में रहे. फिर महरौली के मकान में 15 मई को शिफ्ट होने का फैसला किया. आफताब महरौली के मकान में पहले खुद शिफ्ट हुआ और अगले दिन श्रद्धा को लाया.
क्या बताया पड़ोसियों ने?
महरौली वाले घर के पड़ोसियों ने बताया कि आफताब एक बार रात के वक्त नजर आया था और उसके हाथ में हुक्का था. वह गाड़ी में आता था और उसके साथ उसके कुछ दोस्त भी होते थे. 15 मई को दोनों मकान में शिफ्ट हुए थे. इसके तीन दिन बाद ही मतलब दिल्ली आने के 10 दिन बाद आफताब ने इस हत्याकांड को अंजाम दे दिया. मगर सवाल था कि ऐसा क्यों किया. क्यों शव को टुकड़ों में काटा. इसके लिए कहां से आइडिया है.
इन सवालों के जवाब भी मिले. जो शख्स तीन दिन पहले ही नए शहर में आया हो, अपने लिव इन पार्टनर के साथ रह रहा हो और तीन दिन के अंदर ही उसका कत्ल कर दे. फिर बॉडी को इस तरह डिस्पोज करे कि किसी को छह महीने तक भनक ना लगे. जिसके साथ रह रहा था. जिसे दो ढाई साल से जानता था उसके बदन पर आरी चलाए यानी बॉडी को आरी से काटे, टुकड़े करे और फिर उन्हें आराम से फेंकता रहे…तो इसके पीछे किसी शातिर दिमाग और गहरी साजिश का एंगल दिखना लाजमी है. श्रद्धा के मर्डर के मामले में पुलिस की तफ्तीश भी यही इशारा करती है.
क्यों की श्रद्धा की हत्या?
एडिशल डीसीपी (साउथ) दिल्ली अंकित चौहान ने कहा कि क्या साजिश है, हम सभी एंगल से मामले की जांच कर रहे है, लेकिन इतना जरूर है कि कातिल का तरीका थोड़ा अलग था. अब सवाल है कि आखिर कत्ल हुआ क्यों…तो इसके पीछे भी दिल्ली पुलिस की तरफ से बड़ी जानकारी सामने आई. पुलिस के मुताबिक आफताब ने पूछताछ में बताया कि दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था. श्रद्धा आफताब पर शादी के लिए दबाव बना रही थी. आफताब के कई दूसरी लड़कियों से भी रिश्ते थे और श्रद्धा को उस पर शक हो रहा था. इस बात पर भी दोनों के बीच विवाद होता था और आखिरकार आफताब ने तंग आकर 18 मई को श्रद्धा की हत्या कर दी.
पूरी प्लानिंग से मर्डर को अंजाम दिया
सोचिए दिल्ली पुलिस ने एक मिसिंग कंप्लेंट पर कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन जब तहकीकात ने जोर पकड़ा तो कत्ल के आरोपी के तौर पर आफताब तक पहुंच गई, लेकिन कत्ल जिस तरीके से किया और उसके बावजूद वो महरौली में ही रहता रहा, उसने भागने की कोशिश नहीं की. सूत्रों के मुताबिक श्रद्धा के शव के टुकड़ों को फेंकने के बाद आफताब सामान्य तरीके से जीवन जी रहा था ताकि किसी को शक ना हो. आफताब रोजाना उसी कमरे में सोता था जिस कमरे में श्रद्धा की हत्या की. आफताब हत्याकांड के बाद ऑनलाइन खाना मंगाता था. वो आस पड़ोस के लोगों से नहीं मिलता था और पुलिस सूत्रों का कहना है कि उसे हत्या का कोई अफसोस भी नहीं है. तो ये सारी बातें इसी तरफ इशारा कर रही हैं कि शायद आफताब ने पूरी प्लानिंग से मर्डर को अंजाम दिया.
डेक्सटर वेब सीरीज से लिया आइडिया
अब सवाल है कि आखिर कत्ल करने के बाद बॉडी के टुकड़े करने का आइडिया आफताब को कहां से आया. इसे लेकर भी पुलिस सूत्रों से चौंकाने वाली जानकारी मिली है. सूत्रों के मुताबिक आफताब कॉल सेंटर में काम करने से पहले शेफ की नौकरी करता था. आफताब डेक्सटर नाम की वेब सीरीज से प्रेरित था. आरोपी को उसी सीरीज से बॉडी डिस्पोज करने का आइडिया आया था.
जाहिर है इतने खुलासे के बाद भी पुलिस के लिए आगे का रास्ता मुश्किल है. क्योंकि सबूत के तौर पर पुलिस को श्रद्धा की पूरी बॉडी नहीं मिली है और पुलिस के सामने इकबालिया बयान कोर्ट में टिकता नहीं. इसीलिए अब कई सबूतों को फॉरेंसिक की नजर से देखना होगा जो बॉडी पार्ट्स मिले हैं उसका डीएनए मैच करना होगा. शायद इसीलिए अब पुलिस ने आफताब के जूते चप्पल ले लिए हैं ताकि उसमें लगी मिट्टी को जंगल की मिट्टी से मैच कराया जाएगा. जिससे ये साबित हो सके कि आफताब (Aftab) जंगल में बॉडी पार्ट्स फेंकने गया था. इसके अलावा कई और सबूत भी खंगाले जा रहे हैं ताकि श्रद्धा (Shraddha Walkar) का कातिल किसी कीमत पर बचने ना पाए.
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