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Covid 19 India First Omicron Specific Booster Vaccine GEMCOVAC OM Gets Drug Controller Nod

Omicron-Specific Booster Vaccine: भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने पुणे स्थित जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (Gennova Biopharmaceuticals Ltd) की ओर से विकसित ओमिक्रॉन-स्पेसिफिक बूस्टर वैक्सीन जेमकोवैक-ओएम (GEMCOVAC-OM) के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दे दी है.

कंपनी ने दावा किया कि जेमकोवैक-ओएम कोविड-19 के खिलाफ पहली बूस्टर वैक्सीन है जिसे कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ भारत में विकसित किया गया है. इस वैक्सीन को जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स ने ‘मिशन कोविड सुरक्षा’ के तहत डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (DBT) के सहयोग से विकसित किया है.

यह एमआरएनए-आधारित वैक्सीन है, जिसे स्वदेशी प्लेटफॉर्म तकनीक का इस्तेमाल करके विकसित किया गया है. जेमकोवैक-ओएम को वे लोग बूस्टर डोज के तौर पर ले सकेंगे, जिन्होंने कोविशील्ड या कोवैक्सिन की दो खुराकें ली हुई हैं. 

थर्मोस्टेबल वैक्सीन है जेमकोवैक-ओएम

जेमकोवैक-ओएम एक थर्मोस्टेबल वैक्सीन है. इसका मतलब है कि इसे अल्ट्रा कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं है जोकि एमआरएनए आधारित अन्य स्वीकृत वैक्सीन के लिए जरूरी होता है. इसी वजह से यह वैक्सीन पूरे भारत में सुलभ होगी.

यह भी कहा गया कि टीका दो से आठ डिग्री सेल्सियस के ताप पर स्थिर रहता है. यह एक इंट्राडर्मल टीका है जिसको एक सूई रहित उपकरण से दिया जाता है जिसे ‘ट्रोपिस’ कहते हैं. ‘ट्रोपिस’ का विकास अमेरिकी कंपनी फार्मा जेट ने किया है. इंट्राडर्मल तरीके से खुराक दिए जाने के कारण यह महत्वूर्ण रूप से हायर इम्यून रिस्पॉन्स देता है.  

जेनोवा बॉयोफार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के सीईओ ने ये कहा

एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेनोवा बॉयोफार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के सीईओ संजय सिंह ने कहा कि क्लिनीकल परीक्षण के दौरान बूस्टर टीका ने करीब 3000 लोगों में जबरदस्त प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्रदर्शित की है. यह परीक्षण 13 शहरों के 20 केंद्रों पर किया गया. उन्होंने कहा कि परीक्षण के दौरान टीका सुरक्षित साबित हुआ जिसके कारण एक भी दुष्प्रभाव का मामला नहीं मिला, जबकि इसकी गुणवत्ता भी शानदार रही.

विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने की तारीफ

जेमकोवैक-ओएम को डीसीजीआई की मंजूरी मिलने पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, ”स्वदेशी एमआरएनए प्लेटफॉर्म तकनीक के निर्माण के जरिये प्रौद्योगिकी संचालित उद्यमिता को सक्षम करना, डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के अपने मिशन को फिर से पूरा करने पर मुझे बहुत गर्व है. हमने हमेशा प्रधानमंत्री के आत्मानिर्भरता के दृष्टिकोण के अनुरूप भविष्य के लिए तैयार टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के निर्माण की दिशा में तकनीकी-संचालित इनोवेशन समर्थन किया है.”

यह भी पढ़ें- Heatwave: भीषण गर्मी और लू से हो रही मौतों को लेकर केंद्र अलर्ट, यूपी-बिहार भेजी जाएगी एक्सपर्ट्स की टीम

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