Covid 19 in India: चीन समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना कहर बरपा रहा है. कोरोना (Corona) संक्रमण की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की जान जा रही है. वहीं, भारत में भी ओमिक्रोन के सब वैरिएंट BF.7 के मामले सामने आने के बाद सरकार काफी सतर्क है. भारत में वैक्सीनेशन अभियान तेजी से लगातार जारी है. कोरोना से संबंधित तैयारियों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से समीक्षा की जा रही है. पीएम मोदी समेत कई राज्यों की सरकारें नए वैरिएंट को लेकर काफी अलर्ट दिख रही है.
कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से चीन (China) में स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से चरमरा गई है. वहीं, भारत सरकार नए वैरिएंट के खतरे को देखते हुए रैंडम सैंपलिंग समेत कई दिशा निर्देश जारी किए हैं.
कोरोना संक्रमण को लेकर समीक्षा
पीएम मोदी ने 22 दिसंबर को देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर हाई लेवल समीक्षा बैठक की. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को चीन और जापान समेत कई दूसरे देशों में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए भारत में कोविड -19 स्थिति की समीक्षा की थी. चीन एकमात्र बड़ा देश है, जहां मामले काफी तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में ये विचार करना अहम है कि क्या भारत उन कारकों से सुरक्षित है, जिसने चीन में तबाही मचा दी है. कुछ विश्लेषणों से पता चलता है कि भारत चीन की तुलना में बेहतर रूप से संरक्षित है और यहां चीन जैसी स्थिति की बेहद ही कम संभावना है.
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ओमिक्रोन के BF.7 वैरिएंट से कितना खतरा?
ओमिक्रोन के जिस नए सब वैरिएंट BF.7 से चीन में इस वक्त तबाही का आलम है, वो भारत में पिछले कई महीनों से मौजूद है. केंद्र सरकार ने भी कहा है कि इससे लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. भारत में इस वैरिएंट से संक्रमित जो 4 मरीज मिले थे वो अब ठीक हो गए हैं. गुजरात और ओडिशा में नए वैरिएंट से संक्रमण के मामले सामने आए थे. कोविड-19 (Covid-19) को लेकर गठित नेशनल टास्क फोर्स के प्रमुख और नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल का भी कहना है कि इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है. पर्याप्त परीक्षण किए जा रहे हैं. भारत ने पहली बार जुलाई में लिए गए नमूने में BF.7 सब-वैरिएंट का पता लगा लिया था.
भारत के टीके और बूस्टर डोज
भारत में वैक्सीनेशन अभियान लगातार जारी है. बूस्टर डोज भी दिए जा रहे हैं. कुछ स्टडी में ये भी साबित हुआ है कि भारत के टीके चीन की तुलना में बेहतर काम करते हैं. हालांकि बूस्टर डोज को लेकर अभी और बेहतर तरीके से काम करने की जरूरत है. भारत में दिए जा रहे कोविड-19 टीकों में से 96 फीसदी या तो ऑक्सफोर्ड या एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार कोविशील्ड और कोवैक्सीन हैं. चीन में जो वैक्सीन दिए जा रहे हैं वो कोरोनावैक और सिनोफार्म हैं. कोरोनावैक के खिलाफ ऑक्सफोर्ड या एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की प्रभावकारिता का परीक्षण किया गया है. ब्राजील में दस लाख लोगों के एक अध्ययन में पाया गया कि दोनों टीकों ने युवा लोगों के बीच समान सुरक्षा प्रदान की, लेकिन बुजर्गों में कोरोनावैक कम प्रभावी था.
संक्रमण, वैक्सीनेशन और इम्यूनिटी
चीन की तरह भारत में ओमिक्रोन के सब वैरिएंट BF.7 से संक्रमण नहीं फैल रहा है. विशेषज्ञ डॉक्टर भी मानते हैं कि भारत में ये वैरिएंट बहुत ही कम असरकारी होगा. चीन के मुकाबले भारत में वैक्सीनेशन तेजी से हुआ है. भारत में कोरोना से संक्रमण का असर और मृत्यु दर भी धीरे-धीरे काफी कम हुआ. चीन ने अभी तक किसी भी तरह के m-RNA या एडिनो वायरल वैक्सीन विकसित नहीं की है. बूस्टर में पिछड़ने के बावजूद भारत के पास चीन जैसी लहर की कोई संभावना नहीं है. चीन के सख्त लॉकडाउन का मतलब ये भी था कि देश में कम लोगों को हाल के संक्रमणों से नेचुरल इम्यूनिटी विकसित हुई, जबकि भारत में दोनों तरह से इम्यूनिटी लोगों में विकसित हुई.
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