Farm Law: देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार (16 दिसंबर) को कांग्रेस पर किसानों के मुद्दे पर झूठ की राजनीति करने और कृषि कानूनों पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया. पिछले साल किसानों के आंदोलन के बाद किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने के वादे पर कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सवाल का जवाब देते हुए तोमर ने राज्यसभा में कहा कि प्रस्ताव पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है.
तोमर ने कहा कि समिति इस MSP पर विचार कर रही है. उस समिति में किसान प्रतिनिधि किसान संघ के प्रतिनिधि हैं. किसान संघ को कलंकित करना सरासर गलत है. कांग्रेस सदस्य ने दावा किया कि अब रद्द किए जा चुके कृषि कानून बनाने वाले सचिव अब एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ काम कर रहे हैं और कानून बनाने की उनकी मंशा पर सवाल उठाया.
कांग्रेस झूठ की राजनीति में लिप्त रही है
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, “कांग्रेस हमेशा झूठ की राजनीति में लिप्त रही है. किसान आंदोलन के दौरान कांग्रेस ने दोहरा मापदंड अपनाया. कांग्रेस सत्ता में रहते जिन कानूनों की बात करती थी, हमने उन कानूनों को बनाया.” हालांकि, मंत्री की इस टिप्पणी का कांग्रेस सदस्यों ने विरोध भी किया. हुड्डा ने तोमर की कुछ टिप्पणियों को हटाने की मांग की, जिसके बाद डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने कहा कि रिकॉर्ड की जांच की जाएगी. पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर एक साल से अधिक समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया था. पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कानूनों को रद्द करने की घोषणा की थी.
वादों से मुकरने का आरोप लगाया
किसानों के लिए कांग्रेस की इकाई ने बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर किसानों के साथ सहयोग नहीं करने और अपने वादों से मुकरने का आरोप लगाया है. राकांपा सदस्य प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि बारिश पर निर्भरता के कारण विदर्भ क्षेत्र में कृषि उपज की लागत अधिक है और आग्रह किया कि MSP के तहत कृषि उपज की लागत में अंतर को दूर करने के लिए एक अनुमान तैयार किया जाए. तोमर ने कहा कि MSP पूरे देश के लिए समान है और निर्धारित करने की प्रक्रिया तय है. उन्होंने कहा, “कृषि लागत और मूल्य आयोग राज्यों से परामर्श के बाद MSP की घोषणा करता है.”
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उत्पादन की लागत अलग-अलग
अपनी बात के दौरान कृषि मंत्री ने कहा, “यह सच है कि उत्पादन की लागत अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है, क्योंकि पर्यावरण में अंतर होता है”. उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग ने 2006 में एक सिफारिश पेश की थी, जिसमें MSP घोषित करने के लिए उत्पादन लागत पर 50 फीसदी मुनाफा जोड़ने का सुझाव भी शामिल था. तोमर ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया है. वर्तमान में लागत पर 50 फीसदी लाभ जोड़कर MSP घोषित किया जाता है.” उन्होंने कहा कि गेहूं की खरीद 2014-15 के 281 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर अब 433 लाख मीट्रिक टन हो गई है, उस समय 1.06 लाख करोड़ रुपये खरीद पर खर्च किए जाते थे, अब 2.75 लाख करोड़ रुपये खरीद पर खर्च किए जाते हैं और इसका लाभ किसानों को मिल रहा है.
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