Categories: Politics

बिहार सरकार की नई आरक्षण नीति सुप्रीम कोर्ट के '50 फीसद' वाले फैसले से कितनी अलग?


<p style="text-align: justify;">देश में साल 2024 में <a title="लोकसभा चुनाव" href="https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024" data-type="interlinkingkeywords">लोकसभा चुनाव</a> होने वाले हैं. इस चुनाव से पहले बिहार में कई बड़े निर्णय लिए गए. इन फैसलों में जातिगत गणना और आरक्षण का दायरा 15 प्रतिशत और बढ़ाने का फैसला भी शामिल है. हाल ही में बिहार विधानसभा में बिहार आरक्षण कानून पारित किया गया. इस कानून के पारित होने के साथ ही राज्य में नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मात्रा बढ़ाकर 75 प्रतिशत हो गई, जो सुप्रीम कोर्ट 50% नियम का उल्लंघन है.</p>
<p style="text-align: justify;"><em>ऐसे में इस रिपोर्ट में जानते हैं कि बिहार सरकार की नई आरक्षण नीति सुप्रीम कोर्ट के 50 फीसदी वाले फैसले से कितनी अलग है.&nbsp;</em></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पहले बिहार में आरक्षण के बारे में जान लीजिए&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">फिलहाल इस राज्य में ईडब्ल्यूएस को छोड़ दे तो एससी, एसटी, ओबीसी और ईबीसी को 50 फीसदी का आरक्षण मिला हुआ है. सालों पहले 50 फीसदी वाले फॉर्मूला को भी नीतीश सरकार ने ही तय किया था. इस फॉर्मूले के तहत राज्य में एससी समुदाय के लोगों को 16 फीसदी, एसटी के लोगों को 1 फीसदी और पिछड़ा वर्ग को 30 प्रतिशत जिसमें &nbsp;12 फीसदी पिछड़ा और 18 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने की व्यवस्था है. इस फॉर्मूले के तहत अत्यंत पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए 3 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था थी.</p>
<p style="text-align: justify;">अब नीतीश सरकार द्वारा ही आरक्षण का जो नया फॉर्मूला लाया जा रहा है, उसके हिसाब से एससी को 20 प्रतिशत, एसटी को 2 प्रतिशत और पिछड़ा वर्ग को 43 प्रतिशत आरक्षण दी जाएगी. इस फॉर्म्युले के बाद प्रदेश में मिलने वाला आरक्षण 50 फीसदी से बढ़कर 65 फीसदी हो जाएगा. इस 65 प्रतिशत में ईडब्ल्यूएस 10 प्रतिशत आरक्षण शामिल नहीं है. यानी ईडब्ल्यूएस का 10 प्रतिशत जोड़ दें तो बिहार में कुल 75 प्रतिशत आरक्षण हो जाएगा. &nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">अब किसी भी प्रदेश में नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मात्रा बढ़कर 75 प्रतिशत कर दिया जाना इंदिरा साहनी केस में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले से तय की गई 50 प्रतिशत सीमा का उल्लंघन है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>50 प्रतिशत आरक्षण का नियम क्या है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">50 फीसदी आरक्षण का नियम, जिसे ऐतिहासिक रूप से सर्वोच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है, यह निर्देश देता है कि भारत में नौकरियों या शिक्षा के लिये आरक्षण कुल सीटों या पदों के 50 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण नीति और उसके मैक्सिमम लिमिट को इंदिरा साहनी जजमेंट में तय किया था. जिसके मुताबिक किसी भी सेवा में आरक्षण का एक लिमिट होना चाहिए. कोर्ट ने 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण देने पर रोक लगा दी और यह आरक्षण का मैक्सिमम लिमिट कहलाया.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">इस फैसले को इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ के मामले में 9 जजों की संवैधानिक पीठ ने सुनाया था. इस 9 जजों की पीठ में जस्टिस एम कानिया, जस्टिस एम वेंकटचलैया, जस्टिस टीके थॉमन, जस्टिस एसआर पांडियन, जस्टिस टी अहमदी, जस्टिस के सिंह, जस्टिस पी सावंत, जस्टिस आर सहाय और जस्टिस बीजे रेड्डी शामिल थे.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">इसी सुनवाई के दौरान क्रीमीलेयर शब्द का भी जिक्र पहली बार सामने आया था. इसी के आधार पर राज्यों को 50 प्रतिशत के दायरे में आरक्षण को बढ़ाने या घटाने का अधिकार मिला.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">साल 2014 तक राज्य सरकारें अपने अपने राज्यों में इसी आधार पर आरक्षण की सीमा तय करती रही, लेकिन 2014 के बाद राज्यों ने मैक्सिमम लिमिट के कैप को तोड़ना शुरू कर दिया. हालांकि, कई राज्य इसमें कामयाब नहीं हो पाए. कोर्ट से उन्हें तगड़ा झटका मिला.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बिहार से पहले भी आरक्षण पर मैक्सिमम लिमिट तोड़ने की कोशिश&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">बिहार सरकार के स्थाई वकील मनीष कुमार कहते हैं- 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण देने का प्रावधान सिर्फ बिहार में नहीं है. पहले भी कई राज्यों ने इस तरह का प्रावधान किया है. इस राज्य से पहले तमिलनाडु इस लिमिट को बढ़ा चुका है. महाराष्ट्र भी इस सीमा को दूसरी बार तोड़ने की कोशिश में है.</p>
<p style="text-align: justify;">राज्यों की दलील है कि आरक्षण भी राज्य की आबादी के हिसाब से मिलनी चाहिए. बिहार की तरह ही राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में भी 50 प्रतिशत के आरक्षण कैप को तोड़ने की बात कही जा रही है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>आरक्षण को लेकर क्या कहता है संविधान</strong></p>
<p style="text-align: justify;">राज्यों को मिलने वाले आरक्षण और उसके लिमिट को लेकर सख्त नियम बनाने की जरूरत है? अगर हां तो क्यों, आइए इसे विस्तार से समझते हैं..</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>77वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1995:</strong> इंद्रा साहनी मामले में कहा गया कि आरक्षण सिर्फ प्रारंभिक हायरिंग में होगा, प्रमोशन में नहीं. जबकि संविधान में अनुच्छेद 16(4A) जुड़ने से राज्य को एससी/एसटी कर्मचारियों के लिये पदोन्नति के मामलों में आरक्षण के प्रावधान करने का अधिकार मिल गया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>81वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2000:</strong> इस अधिनियम में अनुच्छेद 16(4B) पेश किया गया, जिसमें कहा जाता है कि किसी विशेष साल का रिक्त एससी-एसटी कोटा, जब अगले वर्ष के लिये आगे बढ़ाया जाएगा, तो उसे अलग से माना जाएगा और उस साल की नियमित रिक्तियों के साथ नहीं जोड़ा जाएगा.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>85वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2001:</strong> इस अधिनियम प्रमोशन में आरक्षण का प्रावधान किया गया है. इसे साल 1995 के जून महीने से पूर्वव्यापी प्रभाव से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सरकारी कर्मचारियों के लिये &lsquo;पारिणामिक वरिष्ठता&rsquo; के साथ लागू किया जा सकता है.</p>
<p><strong>संविधान में 103वां संशोधन (2019):</strong> ईडब्लयूएस यानी &nbsp;आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लिये 10 फीसदी आरक्षण.</p>
<p><strong>अनुच्छेद 335:</strong> इस अनु्च्छेद के अनुसार संघ या राज्य के कार्यों से संसक्त सेवाओं और पदों के लिये नियुक्तियां करने में प्रशासनिक प्रभावशीलता को बनाए रखते हुए एससी और एसटी के सदस्यों की मांगों को पूरी तरह से ध्यान में रखा जाना चाहिये.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इंदिरा साहनी जजमेंट के खिलाफ राज्यों का आदेश</strong></p>
<p style="text-align: justify;">आरक्षण की सीमा को लेकर इंदिरा साहनी जजमेंट के खिलाफ कई अन्य राज्यों ने आदेश पारित कर दिया है. हालांकि इनमें से कुछ फैसलों पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया था.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">राज्यों का हर बार तर्क रहा है कि आर्थिक आधार पर आरक्षण मामले में कोर्ट ने 50 फीसदी के लिमिट को खत्म कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण को संवैधानिक माना था.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">वहीं एक्सपर्ट की मानें तो इंदिरा साहनी और ईडब्लूएस आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक-दूसरे का विरोधाभासी है. ऐसे में नए तरीके से इस पूरे मामले पर सुनवाई होनी चाहिए और आरक्षण पर नया लिमिट तय किया जाना चाहिए.</p>
<p><strong>आरक्षण सीमा को फिर से किया जाना चाहिए मुल्याकन</strong></p>
<p>कोर्ट को विकसित सामाजिक गतिशीलता, समानता और वर्तमान के बदलते सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य के बारे में सोचते और देखते हुए 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिये.</p>
<p>इसके अलावा न्यायालयों को मौजूदा आरक्षण नीतियों की विस्तृत समीक्षा करना, उनकी प्रभावशीलता, प्रभाव और वर्तमान सामाजिक आवश्यकताओं के साथ संरेखण करना चाहिए.&nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp; &nbsp;&nbsp;</p>

Source link

jaghit

Share
Published by
jaghit

Recent Posts

'मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना' के लिए नहीं है बजट? अब मंत्री नरेंद्र पटेल ने किया ये दावा

<p style="text-align: justify;"><strong>Madhya Pradesh News Today:</strong> भारत सहित पूरी दुनिया ने 3 साल वैश्विक महामारी…

2 months ago

Inside Hina Khan’s Pre-Birthday Celebrations With Rocky Jaiswal And Mother In Goa

Hina Khan’s birthday is on October 2. (Photo Credits: Instagram)From a stunning view of her…

2 months ago

Swiggy IPO Gets Sebi Approval: All You Need to Know About Rs 11,000-Crore Issue

Food and grocery delivery major Swiggy has received markets regulator Sebi’s clearance to launch its…

2 months ago

‘Imprints of Make in India visible everywhere’: PM Modi lauds 10 years of flagship initiative | India News

NEW DELHI: Prime Minister Narendra Modi on Wednesday lauded the efforts of each and every…

2 months ago

Waqf Amendment Bill JPC 1 Crore Emails Nishikant Dubey VHP Vinod Bansal Said it Email Jihad | वक्फ बिल पर 1 करोड़ से ज्यादा सुझाव: VHP बोली

Waqf Amendment Bill Email: वक्फ संशोधन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सुझाव के लिए…

2 months ago

Georgia Meloni and Elon Musk date truth behind the viral photos

Meloni And Musk Viral Photos : दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ज्यादातर किसी…

2 months ago