Categories: Politics

क्या अन्ना आंदोलन की तरह सरकार के खिलाफ माहौल बना पा रही है राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा?


<p style="text-align: justify;">साल 2011 में कई दशकों बाद भारत ने एक ऐसा आंदोलन देखा था जो सरकार की नीतियों के खिलाफ था और जिसका असर शहर से लेकर गांवों तक देखा जा रहा था. लोकपाल की मांग लेकर अन्ना हजारे की अगुवाई में यह एक सामाजिक आंदोलन शुरू किया गया था जिसमें सिविल सोसाइटी शामिल थी.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">इस आंदोलन की मंशा शुरुआत में राजनीतिक नहीं थी और नेताओं को इसके मंच से दूर रखा गया था. हैरत की बात ये थी कि किसी राजनीतिक दल के प्रत्यक्ष समर्थन के बिना भी इस आंदोलन से निकली हर बात आम जनता तक पहुंच रही थी.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">लोकपाल की मांग को लेकर इस आंदोलन में शामिल लोगों ने सरकार से कई चरणों में बात की. लोग को लग रहा था कि लोकपाल कानून आ जाने से भ्रष्टाचार से त्रस्त देश को मुक्ति मिल जाएगी. हालांकि लोकपाल आज तक नहीं आया लेकिन इस आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी बनी जिसने दिल्ली और पंजाब में अपनी सरकार बना ली है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">इस आंदोलन का असर साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी दिखा जिसने यूपीए सरकार की नींव हिला दीं. अन्ना आंदोलन के कथित सामाजिक आंदोलन से समाज में गहरी राजनीतिक प्रतिक्रिया उभरी.</p>
<p style="text-align: justify;">साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी भी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं. कांग्रेस का कहना है कि ये यात्रा राजनीतिक बिलकुल नहीं है. पार्टी के साथ दिक्कत यही है कि वो जिस यात्रा को गैर राजनीतिक बताने की कोशिश कर रहे हैं उसके अगुवा राहुल गांधी भारतीय राजनीति का बड़ा चेहरा हैं. कांग्रेस उनको साल 2004 से ही राजनेता के तौर पर स्थापित करने में जुटी है.</p>
<p style="text-align: justify;">इस दुविधा के साथ ही राहुल गांधी के साथ एक और दिक्कत है. अन्ना हजारे के आंदोलन में जहां उनके आसपास सुरक्षा घेरा नहीं था और आम खास सभी लोग इससे जुड़ते चले जा रहे थे वहीं राहुल गांधी जब सड़क पर चलते हैं तो उनके साथ अभेद सुरक्षा घेरा है. जिसमें आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन सहित तमाम जाने पहचाने चेहरों को तो इजाजत है लेकिन आम लोगों से राहुल अब भी पहुंच से दूर लगते हैं. हालांकि कई तस्वीरें ऐसी भी आई हैं जहां राहुल लोगों और बच्चों से मुलाकात कर रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">ऐसे में क्या 2024 आम चुनाव में राहुल गांधी की इस यात्रा का कुछ असर होगा? क्या विपक्ष एक बार फिर कांग्रेस और राहुल के नेतृत्व में संगठित हो सकेगा?</p>
<p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/26/976e5326576fe041a3717824959f1f191672057112895268_original.jpg" /></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अब तक कितना सफर तय</strong></p>
<p style="text-align: justify;">कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा करीब तीन हजार किलोमीटर चलकर 24 दिसंबर यानी बीते शनिवार को राजधानी दिल्ली पहुंची. इस यात्रा ने 107 दिन में लगभग 3 हजार किमी का सफर पूरा कर लिया है और शनिवार यानी 108वें दिन दिल्ली में एंट्री कर ली. भारत जोड़ो यात्रा सात सितंबर 2022 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से रवाना हुई थी और अब तक यह नौ राज्यों से होकर गुज़र चुका है.</p>
<p style="text-align: justify;">तय कार्यक्रम के मुताबिक राहुल गांधी का काफिला जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर तक जाने वाला है, जिसके लिए उन्हें अभी 500 किलोमीटर से ज्यादा का सफर और तय करना है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अब तक किन राज्यों से गुजर चुकी है?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत सात सितंबर से हुई थी. अब तक यह कन्याकुमारी से लेकर आठ राज्यों-तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान और अब दिल्ली से गुजर चुकी है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अन्य दल के कितने नेता पहुंचे</strong></p>
<p style="text-align: justify;">भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस समान विचारधारा वाली पार्टियों को अपने संग लाना चाहती है. इसी कवायद के तहत राहुल गांधी की यात्रा जिस भी प्रदेश में प्रवेश कर रही है, उससे पहले समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं और प्रदेश के चर्चित लोगों को इस यात्रा में शामिल होने का आमंत्रण पत्र भेजा जा रहा है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">अब तक इस यात्रा में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम आदित्य ठाकरे सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हो चुके हैं. यात्रा में पूजा भट्ट, रिया सेन, सुशांत सिंह, स्वरा भास्कर, रश्मि देसाई, आकांक्षा पुरी और अमोल पालेकर जैसी फिल्मी और टेलीविजन हस्तियों की भी भागीदारी देखी गई है.</p>
<p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/26/42021238b02e7b594a85fd1d606759a81672057343762268_original.jpg" /></p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यूपी में मिलेगा विपक्ष का साथ</strong></p>
<p style="text-align: justify;">दिल्ली के बाद अब राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा तीन जनवरी को उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर रही है. यहां तीन दिनों के कार्यक्रम होगा इसके बाद यह यात्रा शामली होते हुए सोनीपत के रास्ते हरियाणा में प्रवेश करेगी. सूत्रों के अनुसार यूपी में भी विपक्ष के नेताओं को पत्र लिखा गया है. अब सवाल ये है कि क्या इस यात्रा में विपक्ष के तीनों सबसे बड़े चेहरों में शामिल बसपा प्रमुख मायावती, सपा मुखिया अखिलेश यादव और आरएलडी चीफ जयंत चौधरी इस यात्रा में हिस्सा लेंगे.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अन्ना मूवमेंट बन रहा है भारत जोड़ो यात्रा&nbsp;</strong></p>
<p style="text-align: justify;">भारत जोड़ो यात्रा के जरिए कांग्रेस 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ने की कोशिश में है. कांग्रेस उसी रणनीति पर काम कर रही है जिस पर साल 2014 से पहले यूपीए सरकार के खिलाफ काम किया गया था.</p>
<p style="text-align: justify;">ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि दिल्ली पहुंचे राहुल की यात्रा में सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव भी शामिल हुए थे. वहीं अरुणा राय, मेधा पाटेकर, सैयदा हमीद, पीवी राजगोपाल, बेजवाड़ा विल्सन, देवनूरा महादेवा, जीएन देवी ने कांग्रेस की यात्रा का समर्थन करने का भी ऐलान किया है. ये वहीं सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो अन्ना आंदोलन में भी शामिल थे.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता पंकज श्रीवास्तव का मानना है कि कांग्रेस की इस यात्रा की तुलना अन्ना मूवमेंट से बिल्कुल नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने एबीपी से बातचीत के दौरान कहा, ‘अन्ना आंदोलन के समय सारा कुछ डिजाइन किया गया था और जो लोगों को समझ नहीं आया वह यह कि वह आंदोलन आरएसएस की पूरी योजना थी जिसके तहत अन्ना को वहां बैठाया गया था.</p>
<p style="text-align: justify;">उस मूवमेंट में मीडिया का भी बहुत बड़ा सपोर्ट था. मुझे याद है कि उस वक्त 5 हजार लोग भी इकट्ठा होते थे तो मीडिया उसे ऐसे दिखाती थी जैसे लाखों की भीड़ इकट्ठा हुई हो.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">तो उससे भारत जोड़ो यात्रा की कोई तुलना ही नहीं है. भारत जोड़ो यात्रा में अपने स्वेक्षा से लोग जुड़े हैं और कन्याकुमारी से लेकर दिल्ली तक हर राज्य से भारी तादाद में लोग हमसे जुड़ रहे हैं और जुड़ना चाह रहे हैं. हमारी यात्रा के दौरान लोग हमारे विचार का स्वागत भी कर रहे हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/26/f4b98dfa02928b2886731045bbf4622c1672057580243268_original.jpg" /></p>
<p style="text-align: justify;">कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का मकसद चुनाव में 2024 के आम चुनाव में अपनी छवि या विपक्ष को एकजुट करना नहीं है. बल्कि हमारा मुद्दा हमारे देश में राज्य कैसे चलेगा? उनकी नीतियां क्या होगी? इसपर विमर्श खड़ा करना है और इस मुद्दे को लोगों के बीच उठाना है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">भारत जोड़ो यात्रा को और मजबूत बनाने के लिए अभी राहुल गांधी को और क्या करना चाहिए? इस सवाल के जवाब में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह को भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होना चाहिए. मजबूत कांग्रेस से इन लोगों को फायदा होगा.</p>
<div class="bbc-19j92fr ebmt73l0" dir="ltr" style="text-align: justify;">
<p class="bbc-kl1u1v e17g058b0" dir="ltr"><strong>बीजेपी की प्रतिक्रिया</strong></p>
<p class="bbc-kl1u1v e17g058b0" dir="ltr">बीजेपी शुरू से ही कांग्रेस की इस यात्रा का विरोध करती रही है. हाल ही में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा तेलंगाना में पार्टी कार्यकर्ताओं को करते हुए राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर हमला करते हुए कहा था, ‘भारत जोड़ो यात्रा एक प्रायश्चित यात्रा है क्योंकि राहुल गांधी के पूर्वजों ने भारत को तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है."</p>
</div>
<p style="text-align: justify;"><strong>अब तक की यात्रा कितनी कामयाब</strong></p>
<p style="text-align: justify;">महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी भी इस यात्रा में शामिल हुए और एक दिन गुज़ारा. बीबीसी से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं यहां इस उम्मीद से आया हूं कि शायद ये यात्रा उस बिसरे हुए भारत को याद दिला सके जो उदारवादी, धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और प्रगतिवादी मूल्यों के लिए जाना जाता था."</p>

Source link

jaghit

Share
Published by
jaghit

Recent Posts

'मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना' के लिए नहीं है बजट? अब मंत्री नरेंद्र पटेल ने किया ये दावा

<p style="text-align: justify;"><strong>Madhya Pradesh News Today:</strong> भारत सहित पूरी दुनिया ने 3 साल वैश्विक महामारी…

1 month ago

Inside Hina Khan’s Pre-Birthday Celebrations With Rocky Jaiswal And Mother In Goa

Hina Khan’s birthday is on October 2. (Photo Credits: Instagram)From a stunning view of her…

1 month ago

Swiggy IPO Gets Sebi Approval: All You Need to Know About Rs 11,000-Crore Issue

Food and grocery delivery major Swiggy has received markets regulator Sebi’s clearance to launch its…

1 month ago

‘Imprints of Make in India visible everywhere’: PM Modi lauds 10 years of flagship initiative | India News

NEW DELHI: Prime Minister Narendra Modi on Wednesday lauded the efforts of each and every…

1 month ago

Waqf Amendment Bill JPC 1 Crore Emails Nishikant Dubey VHP Vinod Bansal Said it Email Jihad | वक्फ बिल पर 1 करोड़ से ज्यादा सुझाव: VHP बोली

Waqf Amendment Bill Email: वक्फ संशोधन बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सुझाव के लिए…

1 month ago

Georgia Meloni and Elon Musk date truth behind the viral photos

Meloni And Musk Viral Photos : दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ज्यादातर किसी…

1 month ago